बात
आज से 4 साल पहले की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था, मेरी बहन दसवीं में
थी।
मेरे पिताजी अक्सर घर देर से ही आते थे क्योंकि बिज़नस की वज़ह से
उन्हें देर हो
जाती थी और माँ ज्यादातर अपने घर के काम में या फिर टीवी
देखने में व्यस्त रहती
थी। मेरी बहन जिसका नाम रिया है अधिकतर पढ़ाई करती
रहती
थी।
मैंने कभी उसे गलत नज़र से
नहीं देखा था। मगर एक दिन मैं अपने कंप्यूटर पर ब्लू
फिल्म देख रहा था कि
एकदम से रिया मेरे कमरे में आ गई मैंने उसको देखते ही
कंप्यूटर बंद कर दिया
मगर उसने सब देख लिया था लेकिन वो कुछ बोली नहीं। मैं
उससे कुछ नहीं कह
पाया, वो हिम्मत करके मेरे पास आई और बोली- भईया मुझे
यह सवाल नहीं आ रहा,
इसको हल करने में मेरी मदद करो। मैंने कहा- ठीक है !
लेकिन
मैं
उससे नज़रें नहीं मिला पा रहा था। मैंने उसका सवाल हल कर दिया। फिर
वो जाने
लगी तो मैंने उससे बोला- जो भी तुमने देखा है, वो किसी को मत बताना !
मत देखा करो ! मैंने उससे कहा- ठीक है !
फिर
वो चली गई लेकिन उस दिन मुझे उसे देख कर कुछ अजीब सा महसूस हुआ
मेरे दिल
में उसके लिए गलत ख्याल आने लगे। मैं आपको बता दूँ कि
रिया देखने में
बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34-26-34 है, रंग हल्का
साँवला है। जो भी
उसको एक बार देख ले, उसका लंड अपने आप ही खड़ा हो जाए।
दो
दिन बाद दोपहर के वक़्त माँ घर का काम निपटा कर सो रही थी और मैं अपने
कमरे में पढ़ रहा था। इतने में रिया आई और बोली- भईया उठो, मुझे एक सवाल
समझ
नहीं आ रहा, मुझे समझा दो।
कुछ-कुछ हो रहा था, उसकी खुशबू मेरी साँसों में भर रही थी। मैं सवाल पर ध्यान नहीं लगा पा रहा था कि इतने में वो बोली- भईया, क्या बात है ?
तो मैं बोला- मुझे बहुत नींद आ रही है इसलिए मैं यह सवाल नहीं कर पा रहा हूँ !
सो जाते हैँ, बाद में सवाल कर लेंगे। इतना कह कर वो आपने कमरे की तरफ जाने लगी तो मैंने उससे कहा- रिया, कहां जा रही है? यहीँ पर सो जा ! थोड़ी देर में तो उठ कर सवाल करना ही है। तो वो बोली- ठीक है !
फिर
वो मेरे बगल में आकर सो गई। मैं भी सोने का नाटक करने लगा। लेकिन नींद
तो आ
ही नहीं रही थी। थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने आपना एक हाथ हिम्मत
करके उसके चूचों पर रख दिया और कोई हरकत नहीं की ताकि उसको ऐसा लगे कि
गलती
से नींद में रखा गया हो।
थोड़ी ही देर में उसकी साँसें तेज चलने लगी।
फिर मैंने
हिम्मत करके उसकी टांग केबीच अपनी टांग फंसा दी। अब वो मेरी पकड़ में थी, उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी पर उसने अभी तक कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।
मैंने अपने हाथ से उसके चूचे मसलना चालू कर दिया, कुछ देर बाद वो बोली- भईया,
यह क्या कर रहे हो?
आती है तो मैं अपने होश खो बैठता हूँ। वो बोली- भईया, यह सब सही नहीं है ! अगर किसी को पता चल गया तो? और वैसे भी हम भाई-बहन हैं।
मैंने
उससे कहा- किसी को पता नही चलेगा ! और भाई-बहन हैं लेकिन हैं तो
लड़का-लड़की ! इतना तो सब में ही चलता है ! आखिर एक दिन तो तुम्हें किसी न
किसी से चुदना ही है तो अपने भाई से ही क्यों नहीं !
कर उसकी चूत सहलाने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी और साथ में हल्का सा विरोध भी कर रही थी। तो मैंने उससे कहा- तुम मेरा साथ दो तो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा और घर की बात घर में ही रहेगी। तो उसने करवट ली और मेरे चेहरे के सामने अपना चेहरा ला दिया और बोली- ठीक है, लेकिन किसी को पता नहीं चलना चाहिए ! मैंने उससे कहा- तू फिक्र मत कर !
फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और दस मिनट तक हम एक दूसरे के
होंठ चूसते रहे। फिर उसके बाद
मैंने उसका कुरता उतार दिया और फिर ब्रा भी उतार
दी।
क्या क़यामत लग रहे थे उसके चूचे !मैंने एक चूचे को मुँह में ले लिया और दूसरे को हाथ से मसल रहा था और उसकी सिसकारियाँ बढ़ती ही जा रही थी। फिर उसने मेरी पैंट खोल कर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे अपने हाथ से दबाने लगी। मुझे लगा जैसे कि मैं जन्नत में पहुँच गया। इतनी में मैंने उसकी जींस और पेंटी नीचे सरका दी। फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के बगल में लेटे थे। मैंने देर न करते हुए उसे अपनी बाहों में समेट लिया और कहा- मैं तुम्हारे बदन की गर्मी लेना चाहता हूँ, इसका अहसास लेना चाहता हूँ !
रिया बोली- केवल आप ही नहीं मैं भी यही चाहती हूँ !
उसका
इतना कहना था कि मैं तो खुशी से पागल हो गया। फिर मैंने अपनी जीभ से
उसका
पूरा बदन चाटा, फिर मैं उसकी टांगों के बीच गया और उसकी
गुलाबी पंखुड़ी
वाली चूत मेरी आँखों के सामने थी। उसकी चूत में
हल्के-हल्के बाल थे। मैंने जैसे ही
अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी, वो तो जैसे
पागल ही हो उठी और उसके पूरे शरीर
में एक करंट सा दौड़ गया।
वो बोली- भईया, मैं मर जाउंगी !और मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ घुसा दी तो वो बोली- भईया, मुझे भी आपका लंड चूसना है ! तो हम 69 की मुद्रा में आ गए। अब हम दोनों 10 मिनट तक एक-दूसरे को ऐसे ही चूसते रहे और फिर हम दोनों एक एक करके झड़ गए। इसके बाद हम दोनों एक दूसरे के ऊपर लेट गए। थोड़ी ही देर में हम फिर से गर्म हो गए और मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा तो वो बोली- भईया, अब नहीं रहा जाता ! अपना लंड अन्दर डाल दो ! मैं उसकी टांगो के बीच आ गया, उसकी चूत अभी कुँवारी थी और मैं उसे दर्द नहीं पहुँचना नहीं चाहता था, इसलिए मैंने पहले अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया, फिर उसकी चूत पर भी थूक से मालिश कर दी। मेरा लुंड सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है। उसके बाद मैंने अपना लंड रिया की चूत पर लगाया और हल्के-हल्के लंड को अन्दर करने लगा, पर जा नहीं रहा था इसलिए मैंने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो रिया जैसे तड़प सी गई और उसके मुँह से आह की आवाज़ निकल गई। मेरे लंड का सुपारा अन्दर जा चुका था। फिर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और उसके चूचे मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मैंने हल्के-हल्के लंड अन्दर डालना चालू किया और बीच बीच में हल्का सा धक्का भी मार देता था जिससे कि उसकी चीख निकल जाती थी। लेकिन मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख रखे थे जिससे उसकी चीख बाहर न जाये। अब तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था। उसकी चूत बहुत ही कसी थी और मैं हल्के-हल्के अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। शुरु में तो उससे थोड़ा दर्द हुआ पर फिर उसे भी मज़े आने लगे और वो अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे। वो कह रही थी- भईया और जोर से ! मैं भी रिया से कह रहा था- देख ! बहन को अपने भाई से चुदने में कितना मज़ा आता है ! वो बोली- हाँ भईया, सही में बहुत मज़ा आ रहा है ! यह तो सबको करना चाहिए ! लेकिन दुनिया के ये झूठे रिवाज़ हमें रोके रखते हैं। भईया, मैं तो ये सोचती हूँ कि कोई भी किसी के साथ भी चुदाई कर सकता है। इससे क्या फर्क पड़ता है कि वो रिश्ते में क्या लगते हैं, आखिर वो हैं तो मर्द और औरत ही ! और हम ऐसे ही बातें करते करते चुदाई का आनंद लेते रहे। शायद रिया एक बार झड़ चुकी थी, अब मैं भी चरम सीमा तक पहुँच चुका था और फिर उसके बाद हम दोनों एक साथ एक दूसरे में समां गए और अपना अपना पानी एक दूसरे में मिला दिया और एक दूसरे को पूरी ताकत से पकड़ लिया। फिर हम दस मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे और उसके बाद बाथरूम में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया। हम लोग उस वक़्त भी बिलकुल नंगे थे, मुझे रिया के चूतड़ दिखाई दिए बिल्कुल गोल-गोल और मुलायम ! बिल्कुल गोरे-गोरे और चिकने ! मेरा लंड फिर से जोर मारने लगा। मैं उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में उठा लिया और ले जाकर उसे फिर से बिस्तर पर डाल दिया। वो बोली- भईया, अब क्या? मैंने उससे कहा- बहन, मुझे तेरी गांड मारनी है ! तो वो बोली- नहीं भईया ! मुझे बहुत डर लगता है, गांड मरवाने में तो बहुत दर्द होगा ! तो मैंने उससे कहा- मैं दर्द नहीं करूँगा, आराम आराम से करूँगा ! वो बोली- भईया, मार लेना मेरी गांड, लेकिन अभी नहीं, अभी बहुत देर हो गई है और माँ भी उठने वाली होगी हम गांड का प्रोग्राम किसी और दिन करेंगे। मैं मान गया और उसके होठों का एक लम्बा चुम्मा लिया और उसके चूचे भी दबाये। फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर रिया चाय बनाने चली गई। मैंने और रिया ने मिलकर चाय पी। फिर वो अपने कमरे में चली गई।Girls and female , ladies , anunty and bhabhie all are requested you to contact me for paid sex and sex chet ,or chudai on my mail Mera email hai ----- manojpyasa007@gmail.com |
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